Priya Rajvansh Life story: बॉलीवुड के की ऐसे किस्से हैं जिन्हें लोग सुनकर हैरान हो जाते हैं। कई एक्ट्रेसेस और एक्टर्स की रहस्यमयी मौत से लोग अंदर तक शॉक्ड हो जाते हैं। ऐसा ही एक किस्सा 60’s की मशहूर अदाकारा प्रिया राजवंश के साथ भी हुआ था। इनकी लाइफ स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने प्यार किया था और प्यार के बदले उन्हें मौत मिली और उनका अंंत बहुत ही दर्दनाक हुआ था।
प्रिया राजवंश की जिंदगी में प्यार, सफलता और सच्चा पार्टनर सबकुछ मिला था लेकिन उनका अंत इतना खौफनाक हुआ जिसके बारे में किसी ने कभी नहीं सोचा था। आखिर में एक साजिश ने सबकुछ खत्म कर दिया और प्रिया राजवंश की लाइफ ही खत्म हो गई। प्रिया राजवंश ने अपने करियर में भले ही कम फिल्में की हों, लेकिन उनकी कहानी बॉलीवुड के इतिहास में हमेशा याद रहेगी।
प्यार में प्रिया राजवंश की बदली लाइफ (Priya Rajvansh Life story)
प्रिया राजवंश का असली नाम वेरा सुंदर सिंह था। शिमला में जन्मीं प्रिया ने इंग्लैंड में अपनी पढ़ाई पूरी की। उनका सपना था एक्ट्रेस बनना और इसी सपने के चलते उन्होंने अपनी तस्वीरें फिल्म इंडस्ट्री में भेजी। उस समय के मशहूर डायरेक्टर चेतन आनंद ने उनकी तस्वीरें देखीं और तुरंत अपनी फिल्म में कास्ट करने का फैसला कर लिया।
1964 में प्रिया ने चेतन आनंद की फिल्म हकीकत से अपने करियर की शुरुआत की। इस फिल्म में उनके साथ धर्मेंद्र और बलराज साहनी थे। फिल्म सुपरहिट रही और प्रिया को पहचान मिल गई। इसी दौरान प्रिया और चेतन के बीच नजदीकियां बढ़ीं और यह दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई।
डायरेक्टर के साथ शुरू हुआ अफेयर
प्रिया राजवंश का करियर भी एक अनोखे रास्ते पर चला। उन्होंने अपने पूरे फिल्मी सफर में सिर्फ 7 फिल्में कीं, और सभी फिल्मों का निर्देशन चेतन आनंद ने किया। इनमें सबसे चर्चित फिल्म थी 1970 में रिलीज़ हुई हीर-रांझा। इस फिल्म में उनका गाना “मिलो ना तुम तो हम घबराएं” आज भी सदाबहार गानों में गिना जाता है। प्रिया की खास बात यह रही कि उन्होंने किसी और डायरेक्टर के साथ काम नहीं किया। उनका करियर और निजी जीवन चेतन आनंद के साथ ही बंधा रहा।
प्यार बना मौत की वजह
चेतन आनंद की पहली पत्नी से दो बेटे, विवेक और केतन आनंद थे। चेतन के परिवार को प्रिया कभी पसंद नहीं आईं। चेतन आनंद के निधन के बाद जब उनकी वसीयत सामने आई, तो परिवार को बड़ा झटका लगा। चेतन आनंद ने अपनी आधी से ज्यादा संपत्ति प्रिया राजवंश के नाम कर दी थी। यह बात विवेक और केतन आनंद को बर्दाश्त नहीं हुई, और यहीं से शुरू हुआ एक खतरनाक षड्यंत्र।
हत्या की साजिश
27 मार्च 2000 का दिन प्रिया राजवंश की जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुआ। चेतन आनंद के बेटों ने संपत्ति के विवाद में प्रिया की हत्या की साजिश रची। इस साजिश में उनके दो नौकर माला चौधरी और अशोक चिन्नास्वामी ने मदद की। प्रिया की गला दबाकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने दो साल की जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया और यह साफ हो गया कि यह साजिश चेतन आनंद के बेटों ने रची थी।
प्रिया राजवंश की कहानी हमें बताती है कि बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया के पीछे कितना अंधेरा छिपा हो सकता है। एक खूबसूरत अदाकारा का प्यार उसकी मौत की वजह बना। प्रिया का जीवन और उनकी फिल्मों का योगदान आज भी बॉलीवुड में याद किया जाता है, लेकिन उनके दुखद अंत ने सबको चौंका दिया।