Saira Banu Biography: 70 की दशक ख़ूबसूरत अदाकारा सायरा बानो ( Saira Banu) और दिलीप कुमार के प्यार की मिसालें दी जाती हैं। लेकिन सायरा बानो ( Saira Banu) की मां और उनकी नानी तवायफ़ रह चुकी हैं। चलिए जानते है क्या है किस्सा और कैसे हुई सायरा बानो की दिलीप से शादी?
70 की दशक में अपनी ख़ूबसूरती और बेहतरीन अदाओं से सभी का दिल जीतने वाली सायरो बानो का नाम बेहतरीन अदाकारों में गिनी जाती थी। सायरो बानो बेहतरीन एक्ट्रेस तो थी ही। लेकिन सायरो बानो काफ़ी पढ़ी लिखी भी हैं। सायरा ने अपनी पढ़ाई लंदन से की थी। सायरो बानो की मां नसीम बानो भी बॉलीवुड की पहली सुपरस्टार अभिनेत्री थी। नसीम बानो के लिए उनकी सुपरस्टार तक की जर्नी तक पहुचने के लिए बहुत ही संघर्ष करना पड़ा था क्यूंकि नसीम बानो का बैकग्राउंड तवायफ़ के तौर पर रहा था। बल्कि नसीम बानो की मां भी तवायफ़ रहीं हैं।
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सायरो बानो की मां और नानी रहीं हैं तवायफ़
सायरा बानो ( Saira Banu) की मां नसीम बानों की मां का नाम छमिया बाई उर्फ शमशाद बेगम था और शमशाद बेगम की मां जुम्मनबाई थी। नोशाद अली नाम के अथॉर ने अपनी किताब ‘दिल्ली टू हसनपुर एक यात्रा’ में इस बात का जिक्र किया है कि 1890 के दशक में जुम्मनबाई को उनके पिता ने बोझ समझकर हसनपुर के एक कोठे में महज 7 साल में बेच दिया था। जहां से जुम्मनबाई ने कई बार भागने की कोशिश भी की। जिससे दुखी होकर उनकी मालकिन में उन्हें दिल्ली भेज दिया।
वहां पर उन्होंने इसे ही अपनी जिंदगी समझकर 13 साल की उम्र से तवायफ़ का काम करना शुरू कर दिया। कोठे में काम करने वाले रतन सिंह से जुम्मनबाई को 18 साल की उम्र में एक बेटी हुई। जिसका नाम रखा गया शमशाद। जिन्हें बाद में छमिया बाई के नाम से जाने गया।
सायरो की नानी छमिया बाई रह चुकी है नवाब की मिस्ट्रेस ( Saira Banu Biography)
छमिया बाई को बचपन से ही नाच गाने का बड़ा शौक था। छमिया बाई बेहद ही खूबसूरत थी और उनके संगीत और नृत्य से वो बहुत पॉपुलर रहीं। लोग इस कदर छमिया बाई को इतना पसंद करते थे की हर कोई उनको अपने पास रखना चाहता था। ऐसे में उनकी मां ने यह तय किया कि जो ज्यादा बोली लगाएगा उसके साथ छमिया बाई चली जायेंगी।
तब नवाब अब्दुल वहीद खान ने छमिया बाई की मां को उनकी मनचाही रकम देकर छमिया बाई को अपने अपने दूसरे बंगले में मिस्ट्रेस बनाकर रखा। इस दौरान उनकी बेटी रौशन आरा बेगम का जन्म हुआ। इन्हें ही नसीम बानो के नाम से आज दुनिया सायरा बानो की मां के रूप में जानती है।
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ऐसे बनी नसीम बानो पहली महिला सुपरस्टार
नसीम बानो बचपन से ही एक्ट्रेस बनना चाहती थी। इसलिए एक बाद वो अपनी मां के साथ मुंबई शूटिंग देखने पहुचीं। जिसके बाद फिल्ममेकर सोहराब मोदी ने उन्हें फ़िल्म ऑफर की। इसके बाद नसीम बानो इतनी पॉपुलर और बेहतरीन अदाकारा बन गई की वो पहली महिला सुपरस्टार बन गई। बाद में नसीम बानो ने फिल्मी जगत के एहसानुल हक संग शादी की। जिनसे उन्हें एक बेटा और एक बेटी हुई। जिनका नाम सुल्तान और सायरा बानो है।
ऐसे बने दिलीप कुमार सायरा बानो का चाइल्डहुड क्रश
सायरा बानो ( Saira Banu) बचपन से ही अपनी मां की फ़िल्में देखा करती थी। वो भी अपनी मां की तरह ही एक्ट्रेस बनना चाहती थी। नसीम बानो और दिलीप कुमार ने साथ में कई फ़िल्में की थी। सायरा बानो का चाइल्डहुड क्रश थे दिलीप कुमार। आगे चलकर वहीं उन्हके हमसफ़र भी बनेंगे। उस समय सायरा बानो को नहीं पता था।
सायरा बानो के पहले प्यार ने दिया उनको धोखा
सायरा को अपनी उम्र से 18 साल बड़े राजेन्द्र कुमार से प्यार हो गया। हालांकि राजेंद्र कुमार पहले से ही शादीशुदा और बाल बच्चेदार थे। राजेंद्र कुमार ने सायरा को वादा किया कि जल्द ही वो अपनी बीवी को तलाक देकर सायरा से शादी कर लेंगे। लेकिन बाद में एक दिन सायरा के बर्थडे पर राजेंद्र अपनी ही बीवी के साथ आए। इससे सायरा का दिल टूट गया। नसीम बानो भी नहीं चाहती थी की सायरा दुसरे धर्म और पहले से शादीशुदा आदमी को अपना जीवनसाथी बनायें।
ऐसे हुई दिलीप कुमार संग सायरा बानो की शादी
राजेंद्र से मिले धोखे के बाद सायरा बानो ( Saira Banu) बेहद दुखी हो गई थी। तभी एक दिन दिलीप कुमार आएं और उन्होंने सायरा को समझाते हुए कहा की उनसे कोई भी शादी कर लेगा। तब आचानक से सायरा ने दिलीप कुमार से ही कह डाला की अगर उनसे कोई भी शादी कर लेगा तो दिलीप ही सायरा से शादी कर लें। ये सुनकर पहले तो दिलीप थोड़े सकपाए। लेकिन बाद में उन्होंने हाँ कह दी। इनका प्यार ऐसा परवाना चढ़ा कि लोग दिलीप कुमार और सायरा बानो के प्यार की मिसालें देते थे।
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दिलीप कुमार ने की बच्चें के लिए दूसरी शादी
दिलीप और सायरा की शादी के बाद उन्हें कोई बच्चा नहीं हुआ, तो दिलीप ने अपनी बहनों के प्रेशर में आकर 16 साल बाद आसमां रहमान से शादी कर ली। जिसे उन्होंने दुनिया से छुपा कर रखा। लेकिन अपनी बायोग्राफी में इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि ये उनकी लाइफ का सबसे बेकार डिसीजन था। अंत में दिलीप ने सायरा से अपनी इस गलती के किए माफ़ी माँगी और सायरा ने उन्हें माफ़ कर दिया। जिसके बाद दोनों ने हंसी ख़ुशी अपना जीवन साथ बिताया।