Taare Zameen Par Box Office: आमिर खान की बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ आज भी लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाए हुए है। 2007 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि समाज में भी एक खास संदेश दिया। फिल्म में आमिर खान ने 11 साल के बच्चे दर्शील सफारी के साथ काम किया, जिसने अपनी बेहतरीन एक्टिंग से दर्शकों को प्रभावित किया। इस फिल्म का बजट भले ही कम था, लेकिन इसका प्रभाव और सफलता ब्लॉकबस्टर से कम नहीं था।
कितनी हुई थी ‘तारे जमीन पर’ की कमाई? (Taare Zameen Par Box Office)
‘तारे ज़मीन पर’ एक साधारण बजट की फिल्म थी, लेकिन इसका कंटेंट बहुत ही दमदार था। यह फिल्म एक ऐसे बच्चे की कहानी थी, जो पढ़ाई में कमजोर होता है और जिसकी परेशानी को उसके माता-पिता और शिक्षक समझ नहीं पाते। फिल्म ने डिस्लेक्सिया जैसी बीमारी पर प्रकाश डाला, जिसके बारे में उस समय बहुत कम लोग जानते थे। आमिर खान ने इस विषय को बहुत ही संवेदनशीलता और गंभीरता के साथ पेश किया, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
दर्शील सफारी की अदाकारी (Darsheel Safari Debut)
इस फिल्म के लीड रोल में 11 साल के दर्शील सफारी ने ईशान अवस्थी का रोल निभाया था। दर्शील ने इस किरदार में जान डाल दी थी। एक बच्चे की अंदरूनी भावनाओं, उसकी परेशानियों और उसके संघर्षों को उन्होंने बहुत ही अच्छे तरीके से निभाया। उनकी मासूमियत और एक्टिंग की सादगी ने दर्शकों के दिलों को छू लिया। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस फिल्म के बाद दर्शील सफारी रातों-रात एक स्टार बन गए।
आमिर खान का निर्देशन (Aamir Khan Direction)
‘तारे ज़मीन पर’ से आमिर खान ने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा था। इससे पहले वे एक एक्टर के तौर पर ही जाने जाते थे, लेकिन इस फिल्म ने उन्हें एक सफल निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया। आमिर ने न केवल फिल्म का निर्देशन किया, बल्कि फिल्म में एक शिक्षक का किरदार भी निभाया। फिल्म में उनका किरदार रमण कुमार एक ऐसे शिक्षक का था, जो ईशान की कला और उसकी विशेषताओं को पहचानता है और उसे प्रोत्साहित करता है।
हालांकि ‘तारे ज़मीन पर’ एक बड़े बजट की फिल्म नहीं थी, लेकिन इसकी कहानी, एक्टिंग और निर्देशन ने इसे एक बड़ी सफलता दिलाई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई की और कई पुरस्कार भी जीते। खासकर, फिल्म के इमोशनल कंटेंट और सामाजिक संदेश ने इसे दर्शकों के दिलों में हमेशा के लिए बसा दिया।
समाज पर इफेक्ट डालती ‘तारे जमीन पर’
‘तारे ज़मीन पर’ ने केवल मनोरंजन नहीं किया, बल्कि समाज को एक बड़ा संदेश भी दिया। फिल्म ने बताया कि हर बच्चा खास होता है और उसे समझने और प्रोत्साहित करने की जरूरत होती है। इसने शिक्षकों और माता-पिता को बच्चों की मानसिकता को समझने के लिए प्रेरित किया और शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने की आवश्यकता को भी उजागर किया।
फिल्म का संगीत भी इसकी सफलता में खास रोल निभाता है। शंकर-एहसान-लॉय के गानों ने दर्शकों को भावुक कर दिया। खासतौर पर ‘माँ’ गाना आज भी लोगों के दिलों को छू जाता है। इस गाने ने माताओं और बच्चों के बीच के रिश्ते को बहुत ही खूबसूरती से दिखाया।
फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, यह एक ऐसी यात्रा थी जिसने समाज की सोच में बदलाव लाने का काम किया था। आमिर खान की इस फिल्म ने यह साबित किया कि सच्ची कला और कहानी किसी भी बजट से ऊपर होती है। बच्चे अच्छे से पढ़ाई नहीं करते हैं इसपर पैरेंट्स इसे उनकी नौटंंकी मानते थे लेकिन इस फिल्म के बाद उन्होंने अपने बच्चों को समझना शुरू कर दिया था।