Thukra Ke Mera Pyar Review: ठुकरा के मेरे प्यार (Thukra Ke Mera Pyar) मेरा इंतकाम देखेगी, 7 साल पहले राजकुमार राव की फिल्म आई थी शादी में जरूर आना, उसमें ये गाना था, मतलब अगर इस सीरीज (Thukra Ke Mera Pyar) को उसी कहानी पर बनाना भी था तो कम से कम नाम कुछ और रख लेते ताकि धोखे में ही सही दर्शक ये सीरीज शायद देखने की गुस्ताखी कर लेते, लेकिन यहां तो नाम भी ऐसा रख दिया कि नाम से ही पता चल गया कि क्या बनाया होगा और बनाया भी वही जो हम 34234234234 बार देख चुके हैं.
कहानी (Thukra Ke Mera Pyar) – एक अमीर लड़की है, उसका बाप बड़ा आदमी है, अब जाहिर है बड़ा आदमी है तो पुलिस से लेकर मंत्री तक सब उसके आगे झुकते हैं और बेटी भी जो चाहती है वो करती है, बेटी को एक गरीब लड़का पसंद आ जाता है, बेटी उससे कह देती है कि मुझसे दोस्ती कर लो, इश्क शुरू होता है, पिता को पता चलता है, बेटी पिता के सामने इश्क से इनकार करती है और फिर दबंग पिता गरीब लड़के के परिवार का जीना मुश्किल कर देता है, कितनी क्रिएटिव कहानी है ना, और फिर वो गरीब लड़का आईएएस बनकर उसी गांव में लौटता है, ऐसी कहानी आपने पहले सुनी है, कभी नहीं सुनी होगी, अब भी सुननी हो तो हॉटस्टार पर 7 एपिसोड की ये सीरीज देख लीजिएगा.
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कैसी है ये सीरीज (Thukra Ke Mera Pyar) – क्या बताया जाए कि ये सीरीज (Thukra Ke Mera Pyar) कैसी है, ये कहानी हम कितनी बार सुन चुके हैं, जहां लड़का और लड़की में एक अमीर होता है एक गरीब, एक ऊंची जाति का होता है और एक नीची, और फिर वही सब ड्रामा, और ये आईएएस वाला एंगल तो राजकुमार राव 7 साल पहले दिखा चुके हैं, इस सीरीज में ऐसा कुछ नहीं है जिसे नया कहा जाए, ये सीरीज क्यों बनाई गई, किसी मजबूरी में बनाई गई और हॉटस्टार जैसा प्लेटफॉर्म इसे क्यों मिला, ये समझ से परे है, इस सीरीज में ऐसा कुछ नहीं है कि आज का दर्शक इसे देखेगा, ये दर्शकों से इंतकाम ही कहा जाएगा.
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एक्टिंग- इस सीरीज (Thukra Ke Mera Pyar) से एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर के भाई धवल ठाकुर ने डेब्यू किया है, धवल की एक्टिंग में प्रोमिस दिखता है लेकिन सीरीज का सेलेक्शन काफी गलत है, हो सकता है हॉटस्टार जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर डेब्यू करने का मौका मिला तो उन्होंने नहीं छोड़ा लेकिन कहानी काफी कॉमन है और इस सीरीज में कुछ ऐसा नया नहीं है जो धवल कर पाते , संचिता बासु इस सीरीज की हीरोइन हैं और उनका काम भी ठीक है, उनमें एक संभावना दिखती है लेकिन फिर वही बात, ये सीरीज गलत सेलेक्शन हो गया , इस सीरीज में पुलिस इंस्पेक्टर में रोल मे अनिरुद्ध दवे भी हैं, अब बाकी लोग कुछ नहीं कर पाए तो वो क्या कर लेते , गोविंद पांडे बाहुबली पिता बने हैं और वो जो कर रहे हैं वो हम हजारों बार देख चुके हैं.
डायरेक्शन – इस सीरीज को श्रद्धा पासी जयरथ ने डायरेक्ट किया है, वो आर्य जैसी सीरीज से जुड़ी रही हैं, अब उन्होंने ये सीरीज क्यों बनाई ये उन्हें पता होगा लेकिन उन्होंने पूरी तरह से निराश किया है, कहानी इतनी बासी है कि बाकी चीजों पर बात करना ही बेकार हो जाता है.
कुल मिलाकर ये सीरीज आपके साथ इंतकाम है, किसी को मत लेने लीजिए
रेटिंग -1 स्टार
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